tag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post2074781428630318164..comments2023-09-09T04:41:08.216-07:00Comments on Pretty woman: रंज-ऐ-सफर की कोई निशानी तो साथ हो.........rakhshandahttp://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-29732137754581863902009-03-25T02:58:00.000-07:002009-03-25T02:58:00.000-07:00सर्च इंजन में शिमला ढूँढ़ते ढूंढते यहाँ पहुंचा. सर...सर्च इंजन में शिमला ढूँढ़ते ढूंढते यहाँ पहुंचा. सर्व प्रथम आपका शिमला के सफ़र का लेख पढ़ा और पढता ही गया. मैं स्वयं शिमला का रहने वाला हूँ. और आपने जिस प्रकार शिमला की अनेक जगहों का व्याख्यान किया है, मैं उसकी तस्वीर बनाता रहा. आपके इस नयी मित्रता की कहानी पढ़ कर उत्सुक्ता हुयी फिर दुःख भी. <BR/><BR/>सम्बन्ध चाहे कहीं भी बने - वे साथ में दूसरे व्यक्ती का अतीत भी साथ में लाते हैं. जिस प्रकार आपने पहले लेख में कहा था, की वह इंसान अच्छा भी था और बुरा भी, यही मिश्रण इंसान को पूरा बनता है, इसी प्रकार जीवन के अच्छे बुरे हादसे संपूर्ण जीवन बनाते हैं. जीवन सभी रंगों से बनता है. इसमें कला या सफ़ेद नहीं हो सकता. मुझे इस बात का दुःख अधिक है की आप वापिस एक मित्र न ला पायी. <BR/><BR/>खैर कभी शिमला आना हो तो बन्दे को याद कीजियेगा, आपको मेरे गांव - जो कि शिमला से करीब १२० कि मी दूर है - का निमंत्रण है. आप सेब के बागों में व हसीं वादियों में खो जाइए.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-74428098860493098202008-08-08T14:08:00.000-07:002008-08-08T14:08:00.000-07:00Rakshanda, What a lively missive, Infact you made ...Rakshanda, <BR/>What a lively missive, Infact you made me to read your blog all the time. I am in the US and was looking for something like this blog and fortunately I came across yours and Manish's blog.<BR/><BR/>Looking forward to see more from you <BR/>Best wishes<BR/>Vineet ( Fairfax-VA- USA)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-34029075317993481232008-07-17T04:34:00.000-07:002008-07-17T04:34:00.000-07:00vah . vah . jawab nahi hai... greatvah . vah . jawab nahi hai... greatgeet gazal ( गीत ग़ज़ल ) )https://www.blogger.com/profile/15349571442375402815noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-42192421779768101902008-07-16T08:11:00.000-07:002008-07-16T08:11:00.000-07:00Rakshanda g, ye matter thoda chintneeya hai, main ...Rakshanda g, ye matter thoda chintneeya hai, main nahi janta kee aap mujhse badi hain ya chhoti, par is lekh se laga ki kahin jeevan ke anubhavon ke priti aparipakvata rah gai hai,. apko is bat ko itna serious nahi lena chahiye, ye zindagi hai, aap to dhanyabad ki patra ho, ki kisi ke dil me apke priti itna pak jazba paida hua, apki jagah main hota to to us ladke se shukriya kahta, aur chunki main uska hum khayal nahi hota jaise aap nahi thi, main is rah gai kami ke lie usse muafi zurur mangta. uski wo jane, hume apne jeevan ko sundar banaana hai to yahi behtar upay hai.. all the best!!!राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-92006450639921658982008-07-16T04:33:00.000-07:002008-07-16T04:33:00.000-07:00तुम्हारा नाम कहीं ब्लाॅग के सिलसिले में ही कई बार ...तुम्हारा नाम कहीं ब्लाॅग के सिलसिले में ही कई बार सुन चुका था ...आज आके देख रहा हूं तो महसूस कर पा रहा कि आखिर लेखन का ये प्रवाह ही वो वजह है कि लोग रक्षंदा को खूब पढ़ना चाहते हैं। <BR/>तुम जिस ढंग से अपने जज्बातों को बयां करती हो वो निहायत खूबसूरत है रक्षंदा।<BR/>तुम अपने बारे में कुछ बताओ न कभी कि तुम्हारे घर-परिवार में लेखन से किसी का जुड़ाव रहा है या.... तुम ...तुम इतना बहाव वाला कैसे लिख पाती हो रक्षंदा?<BR/><BR/>ये सच है कि जिंदगी है तो घटनाएं हैं ...लेकिन उनका बयां करने का बूता हरेक में नहीं...<BR/><BR/>कविताएं तो बहुत हो रही आजकल ...तुम हो सके तो कहानी लिखना शुरू करो ... और हां, कहानी से याद आया एक नई-नई लेखिका इन दिनों बड़ी तेजी से उभर कर आई हैं नाम है - स्नोवा बार्नाे। तुम उसकी कहानियां जरूर पढ़ना। पिछले चार-पांच माह के हंस और नया ज्ञानोदय पलट लेना। तुम देखोगी कि अहसास बयां करने की ताकत क्या होती है। दुनिया आज स्नोवा के लिखे की कायल है तो यूं ही नहीं। तुम पढ़ना उसे... और अन्यथा मत लेना रक्षंदा ...मुझे तुममें संभावनाएं दिखीं तो ये सब कह दिया। गुड बाय। जैराम जी की।समयhttps://www.blogger.com/profile/07571837723115919080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-77556808172519653382008-07-15T23:46:00.000-07:002008-07-15T23:46:00.000-07:00पल्लवी ने एकदम सही कहा है...पल्लवी ने एकदम सही कहा है...अंगूठा छापhttps://www.blogger.com/profile/07215432736663219795noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-69682065147804997392008-07-15T23:45:00.000-07:002008-07-15T23:45:00.000-07:00ये जिंदगी है रक्षंदा। यही इसकी कशिश है। तुमने वही ...ये जिंदगी है रक्षंदा। यही इसकी कशिश है। <BR/>तुमने वही किया जो सही था। धीरे धीरे तुम इससे उबर जाओगी।<BR/>फिर यही स्मृति एक मीठी चुभन में तब्दील हो जाएगी।<BR/><BR/>फिलहाल कैमरे से भले डिलीट कर दी हों,<BR/><BR/>उसकी हजार हजार तस्वीरें आंखों में घूम रही होंगी अब भी।<BR/>है ना रक्षंदा...अंगूठा छापhttps://www.blogger.com/profile/07215432736663219795noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-55561460928712942732008-07-12T09:15:00.000-07:002008-07-12T09:15:00.000-07:00आप इतनी भावुकता से न सोचें इस वाकये को....ऐसा होता...आप इतनी भावुकता से न सोचें इस वाकये को....ऐसा होता है की कभी न चाहते हुए भी दिल में फीलिंग्स आ जाती हैं! कम से कम उसने ईमानदारी से आपको अपनी फीलिंग्स बता दी!अब फैसला आपका है आपको दोस्ती रखनी हैं या नहीं!वैसे खराब तो लगता है जब एक दोस्ती सामने वाले की तरफ से केवल शुद्ध दोस्ती नहीं रहती! but it happens in life....so be coooool and smile.pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-61785053044108689002008-07-12T08:57:00.000-07:002008-07-12T08:57:00.000-07:00बहुत ही भावुक लेख हे आप का , अच्छा किया यादे मिटा ...बहुत ही भावुक लेख हे आप का , अच्छा किया यादे मिटा दी(केमरे से) यह यादे जीना दुश्वर कर देती हे, फ़िर से ऊठो सोचो एक सपना था जो टुट गया,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-61748338098843241812008-07-12T00:52:00.000-07:002008-07-12T00:52:00.000-07:00आप सब का दिल की गहराइयों से शुक्रिया, ये आप ही हैं...आप सब का दिल की गहराइयों से शुक्रिया, ये आप ही हैं जिन से मैं अपना हर दर्द बाँट लेती हूँ, बड़ा ही गहरा रिश्ता बन गया है आप सब का मुझ से...बखुदा इसे तोड़ीयेगा नही...कोई रिश्ता बड़ी मुश्किल से बनता है लेकिन जब टूटता है तो दिल में वो दर्द होता है जो भुलाए नही भूलता...मैं मानती हूँ की वो अपने आप में ईमानदार रहा होगा लेकिन जिस दोस्ती को मैंने इतना कीमती समझा था जिसे बहुत ही एहतेराम से दिल की गहराईयों में जगह दी थी, उसे उसने कितनी आसानी से तोड़ दिया...और आज ये अहसास करा दिया कि ये दुनिया एइत्बार के काबिल नही...लेकिन जैसा कि कंचन जी ने कहा कि यही जिंदगी है और ऐसे वाकयात ही हमें आगे बढ़ने की ताकत देते हैं दुनिया को समझने में हमारी मदद करते हैं तो ....क्या कहूँ...बस ठीक है...यही था मेरा सफर, दुआ कीजियेगा कि ऐसा सफर मेरा या आपका या किसी का कभी न हो...एक बार फिर शुक्रिया...rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-51780224332848075312008-07-11T10:47:00.000-07:002008-07-11T10:47:00.000-07:00अपनी पिछली टिप्पणी में मैंने तसवीर ना रहने की बात ...अपनी पिछली टिप्पणी में मैंने तसवीर ना रहने की बात कही थी। अब समझ आ गया।<BR/><BR/>जिस भावना से आपने दोस्ती का हाथ बढ़ाया था वो ये नहीं समझ सका या यूँ कहे कि उसके दिल ने समझ कर भी उसे अनसुना कर दिया पर कम से कम वो अपनी जज़्बातों के साथ ईमानदारी से पेश तो आया। उसकी निगाह से सोचिए तो उसे ये मुगालता तो नहीं रहेगा कि अपने दिल की बात वो आपसे ना कह सका। <B>चाहे उसकी इस छवि ने आपको निराश ही क्यूँ ना किया हो पर जब आप कुछ दिन बीतने के बाद इस वाक़ये के बारे में सोचेंगी तो शायद इतनी खलिश दिल में ना रहे जितनी अभी है।</B><BR/><BR/>आज से करीब दस साल पहले मैं मनाली गया था और वहाँ से शिमला लौटा था। मनाली की सुंदरता के सामने शिमला बहुत फीका लगा था। गुलाबो वैली की हसीन बर्फ, सलांग घाटी की मखमली दूब और व्यास नदी का कलकल बहता जल मन में रच बस सा गया था। आपने वो यादें ताज़ा करा दीं।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-79479889117183569052008-07-11T10:45:00.000-07:002008-07-11T10:45:00.000-07:00first time.. i must say first time any blog post h...first time.. i must say first time any blog post has made my eyes moist with saline water .if u see my old post on manali, u will realize that there was hardly any long Vaqfa between our trips to that region and for some reasons i cudn't publish pics of my trip though usually im very fond of pasting pics of my trips. anyway , u shudn't have been so senti baby 'cos life is like dat only.मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-4508969812191156342008-07-11T08:00:00.000-07:002008-07-11T08:00:00.000-07:00ये तेरा शहर! तेरे शहर की ये रीत है क्या?किसी अनजान...ये तेरा शहर! तेरे शहर की ये रीत है क्या?<BR/>किसी अनजान को ख़ुद अपना बनाना ऐ दोस्त!<BR/>और फिर खू गरे इल्ताफ़ इनायत कर के<BR/>इक सुलूक-ऐ-सितम आगीं से मिटाना ऐ दोस्त.<BR/>गज़ल बहुत सुंदर है.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-38834556895326764232008-07-11T07:59:00.000-07:002008-07-11T07:59:00.000-07:00रंजे सफर की कोई निशानी तो साथ होनी चाहिए थी ना…..A...रंजे सफर की कोई निशानी तो साथ होनी चाहिए थी ना…..<BR/><BR/>Ab nahi rakhi, to nahi rakhi. Jyada dukhi na ho.<BR/><BR/>Waise padhkar takleef to khoob hui par apka aatamvishvas aur vivek jo gawahi de, usase behtar kuch bhi nahi ho sakta aapke liye. Humesha swa vivek se hi nirnay lena chahiye. Anekon Shubhkamanayen.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-59023101180126918712008-07-11T07:35:00.000-07:002008-07-11T07:35:00.000-07:00बहुत ईमानदार और भावुक स्वीकारोक्ति, सचमुच जिन्दगी ...बहुत ईमानदार और भावुक स्वीकारोक्ति, सचमुच जिन्दगी में बहुत सी चीजें ना चाहते भी हो जाती हैं।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-63312995088356854702008-07-11T06:50:00.000-07:002008-07-11T06:50:00.000-07:00आप की कहानी (आप बीती) की सचाई पसंद आई। मुंशी प्रेम...आप की कहानी (आप बीती) की सचाई पसंद आई। मुंशी प्रेमचंद जी ने संजीदगी के साथ लिखा था। प्रेम साहचर्य से उत्पन्न होता है। यही कारण है कि परंपरागत शादियों में से अधिकांश अखीर तक साबुत रहती हैं और मुहब्बत का जज्बा गहरा होता चला जाता है। वैसे भी शादी एक दोतरफा मामला है, एक तरह का कंट्रेक्ट है जिस में दोनों को कुछ पाने के लिए बहुत कुछ देना पड़ता है। जब कि मुहब्बत एक तरफा मामला है। किस्मत से ही मिलती है मुहब्बत के बदले मुहब्बत का सिला। हाँ गज़ल बहुत सुंदर है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-73860985881974278782008-07-11T06:26:00.000-07:002008-07-11T06:26:00.000-07:00क्या कहूँ ?आदमी भी आदमी नही रहता जज्बात में .....फ़...क्या कहूँ ?आदमी भी आदमी नही रहता जज्बात में .....फ़िर भी यही दुनिया है .यही रहना है....आप जज्बाती न बनिये,किसी का लिखा एक शेर है .... याद नही किसका है .... <BR/><BR/>बहुत मुश्किल है समझना ओर समझाना इसे <BR/>अबसे पहले जमाना इतना पेचीदा न थाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-51610383424445280702008-07-11T05:19:00.000-07:002008-07-11T05:19:00.000-07:00Kabhi kabhi cheejo.n ko as it is lena chahiye Raks...Kabhi kabhi cheejo.n ko as it is lena chahiye Rakshanda Ji...! aap bahut paq jazbaat rakhti hai.n... aap bahut clear thi, lekin itna jyada hurt kyo kiya khud ko..? kabhi us shakhsa ki bhi taraf se soch kar dekha hota...!<BR/><BR/>vo tuti hui ek shakh tha, jo har ped par sahara dhu.ndh raha tha..! sab ke apne apne haalat hote hai<BR/><BR/>aur fir ek baat aur kahu.n kabhi bhi aage se buri yado ko bhi mitana nahi, har shai ka apna vazud hota hai, apni keemat hoti hai, ye sare experience meel ke patthar hai, manjil tak pahunchane me bade kaam aate hai.nकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-80581756677670830452008-07-11T02:06:00.000-07:002008-07-11T02:06:00.000-07:00सारी फोटो क्यों डिलीट कर दिया? बाकी फोटोस तो रखनी ...सारी फोटो क्यों डिलीट कर दिया? बाकी फोटोस तो रखनी थी... खैर चलिए ऐसा होता रहता है... मैं भी यही कर चुका हूँ एक बार. कुछ दिनों में वो कहानी भी आने वाली है ब्लॉग पर. आप तो आसानी से उठ कर चली आई... मुझे बहुत देर तक समझ ही नहीं आया था की करूं क्या. गनीमत है मेरे साथ वाली घटना फोन पर हुई थी और उस समय फ़ोन सामने वाली ने ही काट दिया था और फिर कुछ सोचने का वक्त मिल गया था.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-4011743915107673582008-07-11T01:11:00.000-07:002008-07-11T01:11:00.000-07:00aap bhut achha likhti hai. or aaj to aesa likha ha...aap bhut achha likhti hai. or aaj to aesa likha hai ki aankho se aansu aa gaye. bhut sundar. likhati rhe.Anonymousnoreply@blogger.com