tag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post3184472476536073536..comments2023-09-09T04:41:08.216-07:00Comments on Pretty woman: गुज़र गई ये बहार भी किसी ज़ख्म की सूरत.....rakhshandahttp://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-7867518767195384132008-05-13T00:07:00.000-07:002008-05-13T00:07:00.000-07:00ye bahaar ka zamana, ye hasin gulon ke saye !mujhe...ye bahaar ka zamana, <BR/>ye hasin gulon ke saye !<BR/>mujhe dar hai bagban ko,<BR/>kahin need aa na jaye !!बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-53789354851323912832008-04-30T10:27:00.000-07:002008-04-30T10:27:00.000-07:00Rakshoo vat r u doin' among all these gyaani hindi...Rakshoo vat r u doin' among all these gyaani hindi valaaz?मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-34847411879930712342008-04-28T23:11:00.000-07:002008-04-28T23:11:00.000-07:00U seems a nature n flowers lover.very nice pics......U seems a nature n flowers lover.very nice pics....seems like from my own garden....neelima garghttps://www.blogger.com/profile/07014867750280659771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-77485684573893389652008-04-27T23:58:00.000-07:002008-04-27T23:58:00.000-07:00बहुत ही सुंदर फोटोग्राफ्स है.. वाकई लाजवाब.. इन फू...बहुत ही सुंदर फोटोग्राफ्स है.. वाकई लाजवाब.. <BR/>इन फूलो की महक जयपुर तक आ रही है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-71611445861908652232008-04-27T07:04:00.000-07:002008-04-27T07:04:00.000-07:00जब रुड़की में कुछ साल पढ़ाई की वज़ह से रहना हुआ था त...जब रुड़की में कुछ साल पढ़ाई की वज़ह से रहना हुआ था तो देहरादून भी जाना होता था। तब भी चूना भट्टी वाले इलाके से गुजरते वक़्त नाक बंद करनी पड़ती थी। फिर भी बाकी शहरों से तो अभी भी कम प्रदूषित होगा आपका शहर।<BR/><BR/>आपकी वाटिका शानदार है , हमें इसमें घुमाने का शुक्रिया।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-26291699819163452008-04-26T21:50:00.000-07:002008-04-26T21:50:00.000-07:00रख्शंदा जी,उम्मीद है आप के नाम को हिन्दी मै लिख्नन...रख्शंदा जी,<BR/>उम्मीद है आप के नाम को हिन्दी मै लिख्नने वाले लोग अब गलत नही लिखेगे. आप हर सब्जेक्ट पर लिख्नती हैं, यह देख कर अच्छा लगा।Pushpendra Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/04635657489231653337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-28938386888112829522008-04-26T00:07:00.000-07:002008-04-26T00:07:00.000-07:00मैं तो बस टहलते हुए आया था पर यहाँ तो उलझ गया हूँ ...मैं तो बस टहलते हुए आया था पर यहाँ तो उलझ गया हूँ |फूलों की खूबसूरती को भाषाई खूबसूरती ने दुगुना कर दिया है.आपकी चिंता जायज है.balmanhttps://www.blogger.com/profile/18198707162193691860noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-48430683232323128722008-04-25T12:09:00.000-07:002008-04-25T12:09:00.000-07:00रुखसाना जी,क्या मैं आपका ईमेल पा सकता हूं?धन्यवाद।...रुखसाना जी,<BR/>क्या मैं आपका ईमेल पा सकता हूं?<BR/>धन्यवाद।<BR/>राजराजकिशोरhttps://www.blogger.com/profile/07591365278039443852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-55590249208442934392008-04-25T07:31:00.000-07:002008-04-25T07:31:00.000-07:00@पुष्पेन्द्र श्रीवासव-थैंक्स पुष्पेन्द्र जी,मेरा न...@पुष्पेन्द्र श्रीवासव-थैंक्स पुष्पेन्द्र जी,मेरा नाम रख्शंदा रिज़वी है.rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-30307413624893705262008-04-25T03:48:00.000-07:002008-04-25T03:48:00.000-07:00रकक्षन्दा जी, फूल बहुत ही सुन्दर हैं, हम सभी वि...रकक्षन्दा जी,<BR/> फूल बहुत ही सुन्दर हैं, हम सभी विकास की फल भोग रहे है, आप सभी सहमत होगे, अगर अभी भी नही सुधरे तो आगे क्या होगा पता नही.<BR/>आप का नाम रक्षंदा है या रकक्षन्दा कृपया स्पष्ट करें।Pushpendra Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/04635657489231653337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-6282248080287291072008-04-24T13:07:00.000-07:002008-04-24T13:07:00.000-07:00आप का लेख भी आप के फ़ुलो जेसा सुन्दर हे, पहली टिपण्...आप का लेख भी आप के फ़ुलो जेसा सुन्दर हे, पहली टिपण्णी मे *न * शव्द गल्ती से लग गयाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-57912120133881125132008-04-24T13:04:00.000-07:002008-04-24T13:04:00.000-07:00अरे मे तो रह ही गया था, बहुत ही सुन्दर फ़ोटो लिये ह...अरे मे तो रह ही गया था, बहुत ही सुन्दर फ़ोटो लिये हे आप ने ओर लेख भी न फ़ुलो जेसा सुन्दर हे,बहुत बहुत धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-9849183808912074732008-04-24T06:09:00.000-07:002008-04-24T06:09:00.000-07:00जी हाँ बिल्कुल तैयार होकर आइये... इंतज़ार रहेगा अगल...जी हाँ बिल्कुल तैयार होकर आइये... इंतज़ार रहेगा अगली पोस्ट का, वैसे मुझे अब लग रहा है की गलतियाँ शायद ही मिलें... पर लक्ष्य भी तो वही है :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-63565695266253512982008-04-24T00:26:00.000-07:002008-04-24T00:26:00.000-07:00एक बार फिर से आप सभी का शुक्रिया जिन्होंने इस पोस्...एक बार फिर से आप सभी का शुक्रिया जिन्होंने इस पोस्ट को पढ़ा और मेरी चिंता को समझा..दीपक भारतीय जी ,मेरा निवेदन है कि आप इसे और आगे बढाएं,जिस से कुदरत की नवाजी गई ये अनमोल चीज़ें हम से पूरी तरह रूठ न जाएं .हम फिर से कोशिश कर के इन्हें वापस लासकें.<BR/>और अभिषेक ,,मैंने आपकी कमेंट का बिल्कुल बुरा नही माना ,मान भी कैसे सकती हूँ,गलती सचमुच वही निकाल सकता है जिसने धयान से हमें पढ़ा हो,और सब से बड़ी बात ये की आपकी बताई गई गलतियां ही मुझे आगे और अच्छा करने की प्रेरणा देती है.<BR/>आपसे निवेदन है की इसी तरह गलतियाँ निकालते रहिये,ज़रा भी माफ़ मत करियेगा.मैं भी आपकी तेज़ निगाहों के लिए तैयार हो कर आउंगी. ठीक है ना?rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-43849053857477548842008-04-23T12:12:00.000-07:002008-04-23T12:12:00.000-07:00lovely expression.lovely expression.Neeraj Badhwarhttps://www.blogger.com/profile/15197054505521601188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-31947431242753971242008-04-23T07:45:00.001-07:002008-04-23T07:45:00.001-07:00वाह बहुत सुंदर आलेख चित्रण बधाईवाह बहुत सुंदर आलेख चित्रण बधाईसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-15641872124079283992008-04-23T07:45:00.000-07:002008-04-23T07:45:00.000-07:00वाह बहुत सुंदर आलेख चित्रण बधाईवाह बहुत सुंदर आलेख चित्रण बधाईसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-41701300746260707252008-04-23T07:34:00.000-07:002008-04-23T07:34:00.000-07:00जहां आपके ब्लाग पर फोटो देखकर खुशी हुई तो वहीं उनस...जहां आपके ब्लाग पर फोटो देखकर खुशी हुई तो वहीं उनसे गायब होती खुशबू पर आपकी चिंता से भी सहमत हूं। पर्यावरण प्रदूषण से सभी जगह यह धरती स्वर्ग से नरक में बदल रही है। इस पर मैं भी बहुत लिख चुका हूं पर आपने जो लिखा है उसके आधार पर आगे भी जरूर लिखूंगा ताकि लोगों का इस पर ध्यान जाये। आपके प्रयास प्रशंसनीय हैं।<BR/>दीपक भारतदीपदीपक भारतदीपhttps://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-60005610816236200632008-04-23T02:12:00.000-07:002008-04-23T02:12:00.000-07:00very nice ... too good ...very well !!very nice ... too good ...very well !!अमिताभhttps://www.blogger.com/profile/10649523657417802172noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-4420715222121740612008-04-23T00:25:00.000-07:002008-04-23T00:25:00.000-07:00अरे अगर आपको बुरा लगा तो पहले बोलना चाहिए था न, नज़...अरे अगर आपको बुरा लगा तो पहले बोलना चाहिए था न, नज़र कितनी तेज़ है ये तो नहीं पता... पर मुझे लगता है कि टिपण्णी का मतलब समीक्षा ही तो है और जो गलतियाँ निकाल रहा है इसका मतलब कम से कम ये तो है कि उसने पूरी पोस्ट पढी है, <BR/><BR/>बस झूठ मूठ के ... सुंदर, बढ़िया इत्यादी करने का क्या लाभ? <BR/><BR/>वैसे गलतियाँ निकालने वाला ही सबसे अच्छा होता है आपने सुना नहीं है: <B><I><BR/>निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाय। बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाय॥ </I></B><BR/><BR/>खैर जो भी हो, आगे भी गलतियाँ निकालते रहूंगा :-) बस जो गलतियाँ मैं निकलता हूँ उनका सुधार करते जाइये तो मेरी गलतियाँ निकलने का कुछ फायदा भी हो :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-68132207837925955882008-04-22T22:10:00.000-07:002008-04-22T22:10:00.000-07:00आप सभी का दिल की गहराइयों से शुक्रिया,जिन्होंने मु...आप सभी का दिल की गहराइयों से शुक्रिया,जिन्होंने मुझे समझने की कोशिश की,,वैसे एक बात बताऊँ ?ये सारे फूल मेरे अपने बगीचे के हैं,और फोटोग्राफी भी मेरी ही है...<BR/>वैसे अभिषेक ,आपकी नज़र हमेशा मेरी गलतियों पर ही क्यों जाती है?<BR/>लगता है आपकी निगाहें बहुत तेज़ हैं,,पर प्लीज़ कभी बख्श भी दिया करें ना..dont mind...just kiddingrakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-51664318995062699152008-04-22T10:42:00.000-07:002008-04-22T10:42:00.000-07:00फ़ूल बडे सुंदर लगते हैं.फ़ूल बडे सुंदर लगते हैं.Manas Pathhttps://www.blogger.com/profile/17662104942306989873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-3616509890901455062008-04-22T07:51:00.000-07:002008-04-22T07:51:00.000-07:00खूबसूरत .....इतने सुदर फूल ओर आपका कैमरा ......देह...खूबसूरत .....इतने सुदर फूल ओर आपका कैमरा ......देहरादून मे हमने भी अपना बचपन गुजारा है अब तो वाकई बहुत कुछ बदल गया है......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-12242570241287994062008-04-22T07:40:00.000-07:002008-04-22T07:40:00.000-07:00कांटों की चुभन का अब अहसास नहीं होता.फूलों की महक ...कांटों की चुभन का अब अहसास नहीं होता.<BR/>फूलों की महक पर भी विश्वास नहीं होता.<BR/>मिलने को तो मिलते हैं यों हाथ तो आपस में,<BR/>जाने क्यों दिलों में अब उल्लास नहीं होता.<BR/> डॉ.सुभाष भदौरिया<BR/>वरसों पहले डॉ.सागर आजमी एक मुशायरा पढ़ने अहमदाबाद आये थे उनकी ग़ज़ल का मतला आज भी<BR/>जहन में गूंजता है-<BR/>कांटों से गुज़र जाना शोलों से निकल जाना.<BR/>फूलों की वस्ती में जाना तो सँभल जाना.<BR/>पर क्या करें फूल जब सामने आते हैं तो नसीहतें एक तरफ धरी रह जाती हैं.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7641430894961000299.post-73340626232039249012008-04-22T07:24:00.000-07:002008-04-22T07:24:00.000-07:00वाह, क्या वाटिका है!! बहुत बढ़िया-चित्रों की भी और ...वाह, क्या वाटिका है!! बहुत बढ़िया-चित्रों की भी और शब्दों की भी. बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com