Saturday, June 14, 2008

meeeeeee........in Shimla



ये है शिमला मेरी जान.....



शिमला आये हुए लगभग एक हफ्ता हो चुका है , यहाँ आते हुए खुशी का जो अहसास था , यहाँ आकार मायूसी में बदल चुका ही. सच कहूँ तो शिमला आकर एक अजीब सा दुख और घुटन सी हो रही है.
कितनी अजीब बात है कि जो शहर कभी अपनी खूबसूरती में अपनी मिस्सल आप था वो आज विकास की बदसूरती की जीती जगती मिसाल बन चुका है.लोग यहाँ मौसम की दिलकशी , माहौल की ताजगी और सुकून की तलाश में दूर दूर से आते हैं लेकिन सर्द धुंध की जगह प्रदूषण का कसैला धुआं, सड़कों पर गाड़ियों का कभी खत्म न होने वाला सिलसिला और जगह जगह जमा ट्रैफिक आपको पल भर में और ज्यादा घुटन का शिकार बना देती ही.
मैं पहले भी दो बार यहाँ आचुकी हूँ लेकिन जितनी मायूसी इस बार हुयी, कभी नही हुयी थी.
माल रोड तो मछली बाज़ार से भी बुरी हालत पेश करता है, बाकी की खूबसूरत जगहें भी भीड़ का बुरी तरह शिकार नज़र आती हैं. लेकिन यहीं बस होता तब भी गनीमत था. सब से बड़ा शाप जो इस शहर को मिला है वो है पानी की बेहद कमी , बड़े बड़े होटल भी पानी की कमी से बुरी तरह जूझ रहे हैं, बाकी की बात ही छोडिये.

कितनी अजीब बात है ना कि जिस विकास कि बदसूरती शिमला में हर तरफ़ बिखरी पड़ी है, वाही विकास उसकी पानी जैसी बेसिक ज़रूरत तक पूरा नही कर पाया है. हम बड़े फख्र से ख़ुद के महा शक्ति बनने के ख्वाब देखते हैं. अरे भई, पहले अपनी बुनियादी ज़रूरतें तो पूरी कर लें , शक्ति महा शक्ति बनने की बातें बाद में करते रहेंगे.
एक प्रदेश की राजधानी कि ये हालत है तो सोचिये बाकी जगह क्या सूरत-ऐ-हाल होगी .आज़ादी के इतने सालों के बाद भी हम अपने नागरिकों को पीने का पानी तक मुहैय्या न कर सके,बड़े शर्म की बात है.
बहरहाल ये तो हाल हुआ शिमला शहर का, अपनी बात करूँ तो आप सभी मुझे शिद्दत से याद आते हैं, अपना शहर अपना घर बहुत बहुत याद आता है.
हाँ , याद आया, इस शहर में मुझे एक दोस्त मिला है.एक बात जो यहाँ अच्छी हुयी वो बस यही है. एक अजनबी शहर में इतने प्यारे दोस्त का मिलना बड़ा खुशगवार अहसास है. हम कैसे मिले ,ये भी बड़ी दिलचस्प घटना है. अगली पोस्ट में लिखूंगी. लेकिन सच कहूँ तो वो बहुत अच्छा इंसान है..........

21 comments:

समयचक्र said...

sundar abhivyakti hai . yatra ka sachcha khaka ukarane ke liye dhanyawaad . apki yatr mangalamay ho .

कुश said...

अगली पोस्ट का इन्तेज़ार है.. एंजाय कीजिए

balman said...

सब कुछ अच्छा हो तो मजा भी तो नहीं आता।अब देखिये न आप ने प्रदूषण की समस्या झेली,पानी की समस्या झेली तो किसी अच्छे दोस्त के मिलने का सुख भी तो मिला।अगले पोस्ट का इंतजार रहेगा।

अमिताभ मीत said...

There's always a next time, and so many indefinite occasions after that.

"A thing of beauty is a joy forever".

Beauty remains, no matter what crops in ...... for .... can you ? Really, live without it ?

Anonymous said...

माल रोड से नीचे स्टेशन की ओर जाते हुए बायें हाथ पर इंडियन कॉफी हाउस है, वहां जाना हुआ कि नहीं। शिमला की सबसे मस्त जगह है वो।

Rajesh Roshan said...

खैर जो भी वहा का लुत्फ़ उठाइए. अगली पोस्ट में उस अच्छे इंसान से भी मिल लेंगे !

डॉ .अनुराग said...

मॉल रोड से डूबते सूरज का नजर अभी भी सुंदर है.....ओर नीचे उतर कर सीधे हाथ मे अन्दर घुसकर परांठे ओर chinese का जवाब नही.......

बालकिशन said...

"अब होने लगी है तरक्की और बाजार की बातें
काम से यारों ये शहर भी गया"
लेकिन यही कहना चाहूँगा कि अपनी यात्रा का पूरा मज़ा लीजिये.
और अगली पोस्ट मे उस दोस्त से मिल्वायिये.

bhuvnesh sharma said...

आपका शिमला यात्रा विवरण बढि़या लगा...जारी रखें

Anonymous said...

bahut achha varnan,hum to kabhi shimla gaye nahi magar tasveer ki hariyali achhi lagi,vaise aapke pyare se dost ke baarein bhi bataiyega :);),wish u enjoy every movement tk cr

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप को शिमला से पोस्ट करते देख बहुत दिल खुश हो गया। आप ने शिमला को खूब पहचाना। किसी भी नामचीन्ह पर्यटन स्थल पर चलें जाएँ यही हाल मिलता है। इस लिए अब वहां जाने का मन करता है, जहाँ कोई आता जाता नहीं।

rakhshanda said...

बहुत अच्छा लगा आप सभी के कोमेंट देख कर, आप सब ने मुझे बताया है कि अगर मैं आप सब को अपने दिल के इतने करीब महसूस करती हूँ तो इसकी वजह आपका वो प्यार है जो आप सब ने मुझे हमेशा दिया है,दिल बहुत समझ दार होता है, ऐसे ही नही किसी को अपने आप में जगह देता है, बहुत बहुत शुक्रिया आप सब का, खुदा करे आप सभी बिल्कुल ठीक हों खुश हों, मैं पूरी कोशिश करुँगी कि लिखती रहूँ.thanks again

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Beautiful shimla with you enjoying , nice post Raskandha ji Thanx -

Abhishek Ojha said...

darjeeling jaakar kuchh aisa hi feel hua tha !

मुनीश ( munish ) said...

So Meet bhai didn't i tell u same thing about Simla? If Rakshu ji had read my note of caution on my blog she wouldn't be lamenting like this . Simla is still beautiful in some months of year, But y shud i tell it here? If she doesn't read my tips about kullu- manali ,im sure she wud be as disappointed there too,but i wish her gud luck still.

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया है. खूब खुश हो कर घूमिये. शिमला का आनन्द लिजिये, हम इन्तजार करते हैं. शुभकामनाऐं :)

mamta said...

रक्षंदा हम तो तुम्हारी अगली पोस्ट का इंतजार कर रहे है। :)

और तुम्हारी फोटो बहुत अच्छी आई है शिमला की खूबसूरत वादियों मे।

Deepak Shukla said...

शिमला के वृतांत को सुनकर...
मेरा दिल भी चाह उठा है....
शिमला जाने का इस दिल में...
भी अब एक अरमान जगा है...

गाड़ी चाहे कितनी हों या...
लोगों की अब भीड़ मिले...
हो प्रदुषण या न हमको ...
पानी पीने को न मिले...

इक प्यारा सा दोस्त है पाया..
तुमने शिमला में जाकर...
हमको भी मिल जाए कोई...
"शिमला" में जाकर आखिर..

दीपक शुक्ल

अजय कुमार झा said...

rakshndaa jee,
saadar abhivaadan. shimlaa main bhee gaya hoon , halanki mera anubhav utnaa talkh nahin raha tha, aapke post se shimlaa kee haalaat jaankar dukh hua, magar kya karein, shaayad ye baat sab nahin samajhte, aur haan apne wahan se bhee hamse saath banaaye rakhaa, dhanyavaad. likhtee rahein.

महावीर said...

आप कहती हैं कि इतने सालों के बाद नागरिकों को पीने तक मुहैय्या न कर सके; मैं तो कहता हूं कि ढंग से ज़िन्दगी जीने के लिए साफ़ हवा भी प्रदूषण को सौंप दी। चलो, अगली पोस्ट में जीवन की कुछ पॉज़िटिव बातें भी मिलने की आशा है।

MANNU LAL THAKUR said...

aapki yatara ke sath hamari bhi yatra ho gai