Sunday, June 1, 2008
a good news here.... I.P.L is over. एक खुशखबरी सुनो.....आई.पी.एल खत्म हो गया.
अपनी पिछली कई पोस्टों पर पढ़ने वालों के ज्यादा तर कमेंट ‘एक संजीदा पोस्ट’ पढ़ने को मिलीं.अच्छा लगा कि हम भी संजीदा लोगों की कतार (लाइन ) में शामिल थोडे से इंटेललैक्चुअल हैं.
लेकिन आज मूड काफी अच्छा है.सुबह से क्या, कल शाम से ही मूड बडा हल्का हल्का सा महसूस हो रहा था.काफी देर तक समझ में ही नही आया कि माजरा क्या है, मतलब कि फजाएं इतनी खूबसूरत क्यों महसूस हो रही हैं. गर्मी में भी फरहत बख्श सी ठंडक क्यों महसूस हो रही है? तब अचानक याद आया…ओह्ह अभी रात ही तो इतना रिलैक्स हो कर सोये थे.
पर क्यों? अरे भाई , कल आई.पी.एल खत्म हो गया…॥
यस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स
ये क्या----आप मे से कोई अपनी जगह से खुशी के मारे उछला ही नही. अजीब हैं आप सब भी.
अच्छा अच्छा, अब समझ में आया. उछलने का प्रोग्राम आप सब पहले ही निपटा चुके हैं.
ठीक है , कोई बात नही. उछलने के लिए हम अकेले ही काफी हैं.
चलिए मौका भी है, दस्तूर भी तो क्यों न अपनी खुशियाँ आप लोगों के साथ बाँट ली जाएं।
महीनों से क्रिकेट के इस मुरब्बे ने दिमाग का जैसे अचार बना डाला. सारा देश सारा मीडिया सारे लोग बस इसी मुरब्बे में जी जान से घुल मिल गए, बड़े फख्र से बताया जारहा था कि इस मुरब्बे की सफलता ने टीवी की टी आर पी में सास बहु सीरियल को भी पीछे छोड़ दिया ही. अब हम जैसे लोग सिर्फ़ बगलें झांकते रह जायेंगे, क्योंकि हम कुएँ के मेंढक न सास बहु सीरियल के दीवाने हुए ना ही क्रिकेट के इस मुरब्बे के. अब हम तो पिछडे ही कहलायेंगे ना.
आई.पी.एल खत्म हो गया, शेन वॉर्न की टीम ने धोनी की टीम को हरा कर ४ करोड़ ८० लाख का इनाम और सोने हीरे जड़ी अब तक की सब से मंहगी ट्राफी जीत ली, रनर अप रही टीम को २ करोड़ ४० लाख मिले।
सुबह काम करने वाला लड़का हम से इस बारे में जानकारी लेने लगा, हम ने भी अपनी जानकारियाँ उस पर उंडेल डालीं. इनामी रशी सुनकर उस बेचारे की तो आँखें ऐसे फैलीं कि हम तो डर गए कि अब ये वापस अपनी जगह आ भी पायेंगी या नही. लेकिन शुक्र है, आ ही गयीं. आंखों को बड़ी मुश्किल से समेट कर वो बड़े राज्दाराना लहजे में कहने लगा, ‘ दीदी इसका मतलब हमारा देश अब अमीर हो गया है’. मैं हैरत से चार दिन के उस छोकरे को देखने लगी जो इतनी पते की बात २ मिनट में समझ गया और एक हम हैं कि ख़ुद को इतना काबिल समझने की भूल में मुब्तेला, इतनी बड़ी बात नही समझ पाये।
सचमुच, लोग बेकार में मंहगाई , मंहगाई का शोर मचा रहे हैं, बेवकूफ , अहमक किसान खुदकशी कर रहे हैं.
अरे अहमको, सीख इस लड़के से लो, जो २ मिनट में देश की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर के चला गया. अब काहे का रोना.
हमारा देश एक झटके में करोड़ों ,अरबों रूपये बाँट रहा है, नाम के अमीर देशों के खिलाडी राल टपकाते हुए भागे भागे हमारी शरण में आ रहे हैं. अब ये हमारी मरजी की किस को कितने में खरीदते हैं.
रूपयों की बरसात हो चुकी है. सोने के मुकुट बांटे जा चुके हैं, सारे खिलाडी माला माल हो चुके हैं. देश के भी , विदेशों के भी. माल बाँट चुके हैं. दर्शकों का मनोरंजन हो चुका है, दिन रात चौके छक्के की इतनी बारिश देखने को मिली है कि अब किसी चौके और छक्के की ख्वाहिश दिल में नही रही.
अर्रे हाँ क्रिकेट का भी तो भला हुआ है…क्या …
रुकिए , थोड़ा सोचने दीजिये, हाँ हुआ है न भला. कई नए खिलाडी मिले हैं देश को,
कौन?
अरे भाई, यूसुफ पठान और……और…शेन वाटसन…सॉरी, ये तो आस्ट्रेलियन है. और भी हैं…
सोच कर अगली बार लिखेंगे.
कुछ बेचारे खिलाडियों को इस महा कुम्भ ने नाकारा घोषित कर दिया, क्या हुआ जो वो कल तक महान थे, क्या हुआ जो उन्होंने दसियों साल से देश के लिए दिन रात एक कर डाला, इस मुरब्बे में वो घुल ही नही पाये तो काहे के महान.
जनाब गांगुली , द्रविड़ और सचिन जी, पहले आप लोग ख़ुद को मुरब्बे में मिक्स होने के काबिल बनाइये तभी आप महान कहलायेंगे. क्योंकि ज़माना तो इसी मुरब्बे का होने वाला है.
हम जैसे लोग लाख खुशी मनाएं. क्या फर्क पड़ता है.
चलिए , कोई बात नही , कुछ दिन खुश होने में क्या बुराई है…एक शेर जिसके शायर….सॉरी शायरा हम ख़ुद हैं…मुलाहजा फरमाइये……..... हमको मालूम है कि अगले साल
लौट कर आओगे दुबारा तुम
फिर भी फ़र्याद है हमारी यही,
लौट के आओ तुम, खुदा न करे
ताली प्लीज़ .............
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12 comments:
हम तो इसलिए खुश थे की एकता कपूर ओर दूसरे रियलिटी शो से तो बचे हुए है
खूब खिंचाई कर डाली आपने तो :) बढ़िया है
रखशंदा
bhai apki post par Tali baja di hai asha hai apko sunaai de degi .dhanyawad .
मार ही डालोगे टाइप शे'र फ़रमाया. अब यह भूत लोगो के दिमाग से उतरने वाला नही है. क्रिकेट का भूत
एकदम मस्त।
बहुत बढ़िया । :)
पर रक्षंदा हम तो ipl देखते थे और चाहते थे की धोनी जीते क्यों ये हम अपनी कल की पोस्ट पर लिखेंगे।
अपनी जिंदगी में शामिल करने के लिए शुक्रिया।
हमको मालूम है कि अगले साल
लौट कर आओगे दुबारा तुम
फिर भी फ़र्याद है हमारी यही,
लौट के आओ तुम, खुदा न करे
-कमाल है. ये लो तालियाँ. खैर ,हमने तो IPL देखा खूब. बालक बहुत समझदार है. आगे जायेगा. उसे क्रिकेट खेलना सिखवा दो. :)
भाई हम लोग तो पिछले दस सालों से आफिस के २०-२० टूर्नामेंट में शिरकत करते रहे हैं। अब इन टीमों में किसी ने नहीं खिलाया वो अलग बात है :)।
अपने शहर की तो कोई टीम नहीं थी तो अपने पड़ोसी धोनी की टीम पर ही आस लगाए थे। पर पैसे के इस तमाशे में कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट का भी भला हुआ है इस बात पे मुझे पूरा यकीं हैं।
जहाँ तक हमारे पुराने सूरमाओं की बात है वो टेस्ट क्रिकेट में अभी भी चलेंगे।
उस बेचारे ने फैली आँखों से घोषणा कर दी कि देश अमीर हो गया है। लेकिन उस तक क्या पहुँचा?
यही विषमता है जो दुश्मन है समाज की।
शेर तो जबरजस्त है आपका, पर वो तो आ ही जायेगा, तालियाँ !
वैसे हम क्रिकेट तो नहीं देखते लेकिन इसके ख़िलाफ़ भी नहीं.
hi mam
realy khush kahbari lagi hai
scam24inhindi
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