Monday, March 17, 2008

Pretty woman: ये मैं हूँ......


Pretty woman: ये मैं हूँ......


शायेद...कहीं तो अलग हूँ मैं.....

कभी कभी अपने बारे में सोचती हूँ ओर उलझ जाती हूँ,,सब कहते हैं..बहुत अलग हो तुम…अलग…क्याअलग…अकसर सोचती हूँ..मैं भी तो आम लड़कियों जैसी हूँ…क्या अलग है मुझ में?


फिर ख़याल आता है कही न कही कोई बात तो है जो अलग करती है मुझे,,अपनीकाजिंस को देखती हूँ अपनीको देखती हूँ ओर बस देखती रह जाती हूँ…बेफिक्री से खिलखिलाती ये लडकियां,,आंखो में सपनो की एकदुनिया बसाए…कितनी मासूम हैं…एक मैं हूँ..जाने कितनी फिक्रो की बोरियां ख़ुद पे लादे,,उनका साथ देना भीचाहती हूँ तो नही दे पाती…ज़ोर से हँसना चाहती हूँ,,मैं भी खिलखिलाना चाहती हूँ,,इतने ज़ोर से की आसमानों तकआवाज़ जाए…..ओर कोशिश भी करती हूँ,,फिर ख़ुद ही अहसास होता है…अरे ये मैं क्या कर रही हूँ…कोई क्याकहेगा…...

to be continued......



बस...इसी लिए अलग हूँ...............



कोई कुछ कहे या नही,,ख़ुद को भी तो जवाब देना है…क्योंकि अपनी नजरो में भी मेरा एक स्टैंडर्ड है…ओर बस येखिलखिलाहट एक मुस्कान में बदल जाती है…

कुछ ऐसी ही हूँ मैं…..

बचपन से hi थोडी shy , थोडी सी रिज़र्व…खामोश…किसी सोच में गुम…

मामा बताती हैं की जब छोटी थी तब ज्यादा खेलने के बजाये कुछ न कुछ पढ़ना या ड्राइंग करना ज्यादा पसंद थामुझे…

आज भी मेरी friends जब इकठ्ठी होती हैं तो उनके पसंदीदा topics होते हैं..movies,,फैशन, film stars और boys…


सोचती हूँ कभी मेरा ब्लॉग देखेंगी तो ......


तो मेरी तो खैर नही होगी…लेकिन क्या करूँ..लिखना है तो लिखना है

अब ज़रा अपनी friends की बातो पर निगाह डालते हैं…

हाए निशा,,तूने देखा रणबीर कपूर और दीपिका का नया add…हाय मैं मर जाऊं,,कितना cute लग रहा हैरणबीर….

शरिया…really यार,,रणबीर एकदम hot है..

सना…रणबीर की छोड़…दीपिका कितनी प्यारी होती जारही है,,

मैं बोर होती सुनती रहती हूँ…

बात आगे बढ़ती है,,movies से फैशन तक,,,आजकल फैशन में क्या inn है क्या आउट हो चुका है…

वो मुझे भी हर बार शामिल करना चाहती हैं पर मैं क्या बोलूं?

जब दिल लगता ही नही इन बातो में तो बस ‘हूँ’ हाँ’ ही कर सकती हूँ…

हैरानी होती है कभी कभी…क्या बातें करने के लिए यही topics रह गए हैं?

मैं दोष सिर्फ़ अपनी friends को दूंगी तो ये ज्यादती होगी…collage की दूसरी लडकियां ओर लड़के,,मेरी अपनीबहेन…मेरी cousins..सभी ऐसी हैं…जब कोलकाता में थी,ऐसी ही class fellows से घिरी थी…शहर चाहे कोई भी होदेहरादून,मसूरी,कोल्कता,lakhnow या मुम्बई…कहीं कोई फर्क नही है…

किसी से अगर दुनिया के हालत, पॉलिटिक्स की बातें करो तो महा बोर का certificate मिल जाता है…तब नाचाहते हुए भी लगता है ‘हो न हो मैं ही अलग हूँ…हेहेहे

अब क्या करूँ…हूँ तो हूँ…अपनी मरजी तो बनी नही

खुदा ने ऐसे ही बनाना था मुझे…..

बहुत देर हो गई…

आगे फिर कभी….

To be continued


6 comments:

Admin said...

बहुत खूब...हमें अगली कड़ी का इंतजार रहेगा

चक्करघिन्नी said...

यह पढकर ऐसा लगता है कि आपके आस-पास के लोग आपको शायद समझ नहीं सकते हैं। आखिर ऐसा क्या है जो आपको सबसे अलग करता है। लिखिये...शायद आपकी सोच, आपके विचार, आपका व्यक्तित्व... सबसे अलग करता है आपको...

travel30 said...

Bahut acha, chahe kitni bhi alag hai aap, lekin bahut achi hai aap :-)

rakhshanda said...

thanks sunil,chakkarghini n rohit...thank u so much

सुजाता said...

डियर रक्षन्दा , तुम ब्लॉग बना कर लिखना चाहती हो , यह भी तुम्हे सबसे अलग करता है ......

rakhshanda said...

sujata didi,bahot shukriya mujhe samajhne ke liye...